चामुण्डा मातानी स्तुति
गीत
चैदस आज स चांदणी, मढ मेळ अखाड़ो।
चावंडने पूजा चढे,देवी रो दिहाड़ो।।
जाति सुधे जावजे देवी रो मुख दिसे।
अड़सठ तीरथ एकठा सुर क्रोड़ तेतीसे।।
सूंधो शिखर सुहामणो गिरि शिखर सळक्के।
अवर अंबा मोरिया शिर भम्मर भळक्के।।
डगर सखरी दिसे निझरण नीलाई।
आगर सारे नीर वहे तट मोर फुगाई।।
मधु कैटभ ले मारियो संसार भग्गो।
गिरवर अंबर गाजिया लुळ पाये लग्गो।।
वन कस्तूरी वासिया अबीर उछाळिया।
अगर सधुय उवेखिया मढ जाति माळीया।।
पाणी उव वाटडी वा बही पयंग।
जाता जुग जावे नहीं जळ सबळ बयंग।।
ईशर जपे ईश्वरी वारेवुं रवराई।
जगराय तारे जसियो तारही सरणाई।।
मोरिया-शोभायमान,फुगाई-चहलकदमी,