शारदा वंदना

छंद जात  मोतीदाम

नमो सुरजठ तनुजाय सिद्ध, नमो विदरूप अगम विविध।

नमो ब्रह चारणी कायम भेख, नमो बीज मंत्र अखंड विसेख।।

नमो त्रयलोक नी तारणहार, नमो गीत नीत गोविंद गिणार।

नमो चव वेद पुराण अढार, नमो समझावण सार असार।

नमो शुभ कंठ मनोहर सूर, नमो निरमोहि कृति अति नूर।

नमो त्रय खट बजाड़ण तार, नमो मन मोद प्रमोद मीणार।

नमो नित वाहनी मोर विख्यात,नमो सर मोगट पीछ सोहात।

नमो पट श्वेत कीये परिधान,नमो रूप सौम्य सदाय निधान।

नमो वरदायक मुख में वाण,नमो हर जाड बुद्धि जर ठाण।

नमो शुभ देण मती सदगत,नमो परठेण कृतिय प्रभत।

नमो नर नाग सूरिजण सेव, दणीसर तोय जीपे सहदेव।

कहे इम ईशर दुहूं कर जोड़, मयाकर मत मया मद मोड़।